चेचक या चिकनपॉक्स एक सक्रंमित बीमारी है, ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हो सकती है। वैसे भी पुराने लोगो का मानना है कि ये बीमारी हर व्यक्ति को एक बार होती ही है ,ये बचपन में हो सकती है या फिर बढ़ें होने के बाद भी। आजकल इस बीमारी कि रोकथाम के लिए सरकार ने टीकाकरण कि व्यवस्था कर दी है ।
इस बीमारी में बच्चे के शरीर पर छोटे या बढ़े लाल रंग के दाने या फुन्सी होती है जो कि सारे शरीर पर,सर के वालों में,कई बार मुंह के अंदर भी हो जाते है। इसकी बजह से बुखार हो सकता है, शरीर में दर्द होने लगता है, जो फुन्सी होती है उसमे खुजली होती है, और ये दर्द भी करती है।
इस बीमारी को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाए अपनाये जा सकते है जो इस प्रकार है –
- नीम के पत्तों के इस्तेमाल से – इसके लिए हमें नीम के पत्तों को पानी में डाल कर उस पानी से नहाना चाहिए, इसके पत्तों का पेस्ट बनाकर अपने प्रभावित जगह पर लगाने से दर्द कम होता और संक्रमण से भी बचा जा सकता है। इसके अलावा नीम के पत्तों को बेड पर डाल दे इससे भी अच्छा प्रभाव होता है।
- जई के आटे के इस्तेमाल से – इसके लिए जई के आटे को पानी में थोड़ी देर के लिएभिगों ले फिर इसे नहाने वाले पानी में मिलाकर नहाने से खुजली से राहत मिलती है।
- सिरके के इस्तेमाल से – इसके लिए सिरके को अपने नहाने वाले पानी मे मिलाकर नहाना चाहिए इससे फुन्सी पर होने वाली खुजली से आराम मिलता है।
- हरी मटर के इस्तेमाल से – इसके लिए हरी मटर को पानी में उबालकर उस पानी को अपने शरीर पर लगाने से दर्द कम होता है और लाल चकत्ते भी दूर होते हैं।
- विटामिन इ के इस्तेमाल से – इसके लिए हमें विटामिन इ युक्त तेल को अपने शरीर लगाना चाहिए, इससे खुजली से राहत मिलती है।
- बेकिंग सोडा के इस्तेमाल से – इसके लिए बेकिंग सोडा के आधा चम्मच को पानी में मिला लें फिर इसे रुई की मदद से अपने प्रभावित जगह पर लगाने से काफी आराम मिलता है। इसका इस्तेमाल करने से संक्रमण भी नहीं होता है।
- शहद के इस्तेमाल से – शहद को प्रभावित जगह पर लगाने से चेचक के चकत्तों में होने वाले दर्द से आराम मिलता है और इससे संक्रमण भी नहीं फैलता है।
- काली मिर्च के इस्तेमाल से – इसके लिए एक प्याज के रस में दो -तीन काली मिर्च पीसकर मिलाकर पीने से चेचक से आराम मिलता है।
- गाजर और धनिये के इस्तेमाल से – इसके लिए हमे गाजर के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर और धनिये को एक गिलास पानी में उबालना है जब तक ये आधा न रह जाये फिर इसका सेवन करने से ठंडक मिलती है और इससे चेचक से आराम मिलता है।
- तुलसी के इस्तेमाल से – इसके लिए हम तुलसी के पत्तों की चाय बनाकर पी सकते है इससे काफी आराम मिलता है।
- लैवेंडर तेल के इस्तेमाल से – इसके लिए लैवेंडर तेल में कुछ बूंदें नारियल तेल को मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है, या फिर अपने नहाने वाले पानी में इसे डाल कर नहाना चाहिए इससे चकत्तों में खुजली नहीं होती, बल्कि आराम मिलता है।
- चंदन के तेल के इस्तेमाल से – चंदन के तेल को प्रभावित जगह पर लगाने से सूजन कम होती है और आराम मिलता है।
- चमेली की पत्तिओं के इस्तेमाल से – इसके लिए चमेली की पत्तिओं को नहाने बाले पानी के टब में डाल कर थोड़ी देर उसमे बैठने से जलन और खुजली दूर होती है, और ये सक्रंमण को फैलने से रोकता है।
चेचक की बीमारी को ठीक करने के घरेलू उपायों का प्रयोग करते हुए हमें कुछ सावधानियों का भी ध्यान रखना चाहिए, जो इस प्रकार है –
- रोगी व्यक्ति को घी और तला हुआ खाना नहीं देना चाहिए।
- अगर छोटे बच्चे को चेचक हुआ है तो उसके हाथों में ग्लव्स डाल दें ताकि वे खुजला न सके।
- बीमार व्यक्ति के कपड़े, बिस्तर, टोवेल साफ़-सुथरा होना चाहिए।
- उसके कपड़े नीम के पानी में या डेटोल में धोने चाहिए इससे इन्फेक्शन होने का खतरा नहीं होता।
- बच्चे को नमक वाला भोजन नहीं देना चाहिए बल्कि मीठा खिलाना चाहिए।
तो हम कह सकते है कि चेचक की बीमारी को हम इन घरेलू तरीकों की मदद से ठीक कर सकते हैं इसके लिए हमें रोगी के आस-पास की साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। ये एक संक्रामक बीमारी है ये एक रोगी से दूसरे व्यक्ति को हो सकती है।