आजकल की भागदोर भरी जिंदगी और बिज़ी लाइफ होने के कारण और अनियमित खान -पान होने के कारण हमें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पित्त भी एक उनमे से एक समस्या है ये शरीर में एक तरल पदार्थ होता है, जो भोजन को पचाने में और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करता है।
पित्त में 80 से 90 प्रतिशत पानी होता है, बाकी 10 से 20 प्रतिशत साल्ट, फैट और इनऑर्गेनिक साल्ट होता है जो शरीर के कृति -किरियायों और उत्सर्जन पर पित्त जूस का बनना होना निर्भर करता है। लीवर में किसी तरह की समस्या होने पर पित्त पर इसका असर पड़ता है।
अधिकतर पित्त रस बढ़ने से मतली और उल्टी आ सकती है, और इसके अलावा मरीज डिप्रेशन में आ सकता है, इसलिए हमें इसका जल्दी से उपचार कर लेना चाहिए, इस समस्या को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार हैं –
- पानी के सेवन से – अगर शरीर में पानी की मात्रा कम है, तो पित्त की समस्या उतपन्न हो जाती है, ऐसे में दिन में थोड़ा-थोड़ा पानी पीते रहना चाहिए, इससे पाचन क्रिया दुरूस्त रहती है और साथ ही मतली आना और जुकाम की समस्या नहीं होती है।
- नारियल सेवन से – नारियल के पानी के सेवन पित्त को शांत करने में मदद मिलती है। यह शरीर को ठंडक देते हैं। कमजोर पाचन वाले लोगों को इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि ये भारी होता है। इसके अंदर वसा,पोटैशियम और ज़रूरी इलेक्ट्रोलाइट होते हैं जो गर्मियों में अधिक पसीना आने के कारण शरीर जो इलेक्ट्रोलाइट्स को खो देता है, उसे नारियल पानी के सेवन से वापस पा सकते हैं और शरीर को पानी की कमी से बचाया जा सकता हैं।
- तरबूज के सेवन से – गर्मी में तरबूज खाने से शरीर में ठंडक का अहसास होता है। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होता है, इसमें 90 प्रतिशत पानी होता है,और इसके साथ ही इसमें इलेक्ट्रोलाइट्स भी होते हैं। तरबूज के सेवन से लीवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- खीरा के सेवन से – खीरे के सेवन से पित्त की समस्या को दूर किया जा सकता है, जिन्हे मूत्र से संबंधित परेशानियाँ हैं या फिर ज्य़ादा प्यास लगती है उन्हें इसे अपने आहार में शामिल करना चाहिए, इसके सेवन से गर्मियों में ठंडक का अहसास होता है। इसके अलावा इसके रस में पुदीने की कुछ पत्तियां, आधा नींबू निचोड़कर और चुटकीभर नमक डालकर इसका सेवन कर सकते हैं। एलोवेरा जूस की तासीर भी ठंडी है। खीरा और एलोवेरा दोनों ही पित्त दोष को संतुलित करने वाले माने जाते हैं।
- नींबू के सेवन से – गर्मियों में नींबू पानी के सेवन से पित्त की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। यह प्राकृतिक रूप से पसीना लाने वाली औषधि है और इसके सेवन से त्वचा से पसीने को आसानी से खत्म भी करता है जिससे शरीर को ठंडक मिलती है। इसमें पाचन को बेहतर करने के गुण हैं और यह कोलेस्ट्रॉल को कम करके हार्ट अटैक के जोखिम को कम करने में मदद करता है।इसके सेवन से शरीर से विषैले तत्वों को आसानी से बाहर निकला जा सकता है।
- अंकुरित मूँग दाल के सेवन से – मूंग दाल को अंकुरित करके या फिर पकाकर खाने से पित्त की समस्या को दूर करने में मदद मिलती है। यह पित्त दोष को संतुलित करने में मदद करता है। पीली मूंग दाल पचने में आसान होती है और इसे रोज़ खाया जा सकता है। अंकुरित मूंग दाल भरपूर पोषण है जिसके सेवन से शरीर की पोषण की कमी को दूर किया जा सकता है।
- छाछ के सेवन से – छाछ की तासीर ठंडी होती है, यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाती है, और इसके सेवन से पित्त दोष को शांत करने में मदद मिलती है। गाय के दूध से बना दही की छाछ बनाकर पीने बहुत आराम मिलता है, इसमें भुना हुआ जीरा, एक चुटकी काला नमक या साधारण नमक और थोड़ा सा धनिया पाउडर मिलाकर पीना चाहिए, इसके अलावा इसमें थोड़ा सा हरा धनिया या पुदीने का पेस्ट भी मिला सकते हैं। अगर छाछ में ये मसाले नहीं मिलाना चाहते तो इसे सादा भी पिया जा सकता हैं।
- अलसी के बीज के सेवन से – अलसी के बीज की तासीर ठंडी होती है, इसलिए गर्मियों में किसी भी समय इसका सेवन किया जा सकता है। अलसी के बीज को पानी में कुछ देर के लिए भिगो लें फिर इसे अच्छी तरह चबा चबा कर खाएं ।अलसी के बीज के सेवन से कब्ज़, मोटापे और हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कतों में फ़ायदा मिलता हैं।
- घी के सेवन से – घी की तासीर शरीर और दिमाग के लिए ठंडक देने वाली होती है। सही मात्रा में घी का सेवन पूरे शरीर को पोषण देता है। घी, पित्त दोष को शांत करने में मदद करता है, इसलिए घी का सेवन भोजन से पहले या शुरुआती समय में ही कर लेना चाहिए। घी के सेवन के बाद कुछ भी ठंडा न खाएं न पिएं जैसे-आइसक्रीम या ठंडा पानी। भोजन के दौरान हल्का गर्म पानी पिया जा सकता है।
- पुदीना के सेवन से – पुदीने का इस्तेमाल करने से साँस की दिक्कतों, मितली, सिरदर्द और पाचन तंत्र से जुड़ी परेशानियों को दूर किया जा सकता है। गर्मियों में इसका सेवन करने से शरीर को ठंडक देने में मदद करता है और ये पित्त दोष को संतुलित करता है। इसलिए ताजा फलों के जूस में पुदीना मिला ले या फिर इसकी चटनी बनाकर खाया जा सकता है और इसके अलावा ये शरीर से विषैले तत्वों को निकालने में मदद करता है और पुदीने की चाय पीने से बहुत लाभ होता है।
- नीम की पत्तियाँ के इस्तेमाल से – पित्त दोष को संतुलित रखने के लिए ज्य़ादातर कड़वी या कसैली चीजों का इस्तेमाल करना लाभकारी होता है। इसलिए नीम की पत्तियों के सेवन से शरीर को ठंडक देने में मदद करते हैं और ये रक्त धातु और खून को साफ़ करते हैं,इसके अलावा नीम की पत्तियां लीवर, पैनिक्रियास की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाती हैं और रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य रखने में मदद करती हैं।
- संतुलित आहार के सेवन से – पित्त की समस्या को दूर करने के लिए हमें संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए ,हमें ताज़े फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए जैसेकि गोभी, खीरा, गाजर, आलू, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्जियों आदि का सेवन करना चाहिए और इसके अलावा सभी तरह की दालों का सेवन करना चाहिए।
तो हम कह सकते है कि इन घरेलू उपायों की मदद से हम पित्त की समस्या से छुटकारा पा सकते है, इसके अलावा हमें अपने खान-पान का भी ध्यान रखना चाहिए। गर्मियों में शरीर को ठंडा रखने के लिए और पित्त दोष को संतुलित करने वाला आहार का सेवन करना चाहिए।