आज हम बात करेंगे इस टेक्नोलॉजी भरी दुनिया से हो रहे नुकसान की. अगर हम बात करें मोबाइल टेक्नोलॉजी की, तो मोबाइल टेक्नोलॉग ने हमारी ज़िन्दगी जीने का तरीका ही बदल दिया है. लेकिन हम यह अच्छे से जानते हैं पर हम इससे सुधर नहीं सकते क्योंकि हम मोबाइल टेक्नोलॉजी पर इतने ज़ादा निर्भर हो चुके हैं|
जो चीज़े हमने अभी तक नहीं समझी हैं वो यह है की हमारे सामने यह छोटी मशीन हमारे कंकालों को हटा रही है और यही नहीं यह मशीन हमारे व्यवहार को भी बदल रही हैं|
बायोमैकेनिक्स में की गयी रिसर्च के अनुसार यह पता चलता हैं की युवा की खोपड़ी के पिछले भाग में सिंघ जैसी चीज़ पैदा हो रही हैं, सर के आगे झुकाव के कारण बोन स्पर हो रही हैं जो की स्पाइन का बोझ सर के पिछले मसल्स पर जाता हैं, जिस से टेंडॉन्स और लिगामेंट्स जुड़ कर हड्डी को भड़ा रहे हैं| जिसका नतीजा यह निकला की गर्दन के बिलकुल उप्पर खोपड़ी से सिंघ जैसा बन रहा हैं|
क्वींसलैंड,ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ़ सनशाइन कोस्ट के रेसेअर्चेर्स ने कहा की युवा पीढ़ी में टेक्नोलॉजी का ज़ादा इस्तेमाल करने के कारण यह चीज़ज़े पायी जा रही हैं|
दोस्तों माना की टेक्नोलॉजी आज के दौर में ज़रूरी है लेकिन इस टेक्नोलॉजी को अपने आप पर इतना हावी न होने दें जिस से आपकी सेहत पर असर हो और आपको उसके लिए ज़िन्दगी भर पछताना पड़े|