You are currently viewing रहीम दास जी के दोहे

रहीम दास जी के दोहे

रहिमन धागा प्रेम का ,
मत तोरो चटकाय |
टूटे पे फिर ना जुरे,
जुरे गाँठ परी जाय ||

Looking for Sarkari Govt. Job Click here

Leave a Reply