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Frostbite (शीतदंश) से बचने के घरेलू उपाय

आम तोर पर शीतदंश ठंड के कारण होने वाली बीमारी है, इसके कारण रोगी को अधिक ठंड महसूस होती है जिसके कारण  रक्त वाहिकाओं में   रक्त के प्रवाह को कम करने और शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन कम मात्रा में पहुंचता है। इसके कारण  रंग  में परिवर्तन भी होते है, कम रक्त संचार होने के कारण हाथ की अंगुली, पैर की अंगुली, पैर, नाक और कान आदि में सुन्नपन महसूस होता है, उस जगह के आसपास दर्द हो सकता है, मस्पेशियाँ सही से कार्य नही कर पाती, त्वचा काली होने लगती है आदि।

कई बार ये समस्या जानलेवा भी हो सकती है इसलिए इस समस्या का समय पर इलाज कर लेना चाहिए, इस समस्या से बचने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार है –

  1. इस समस्या में हमे ज्यादा से ज्यादा गर्म चीजों का सेवन करना चाहिए ,जैसेकि गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीनी चाहिए ,गर्म सुप का सेवन करना चाहिए, और जितना हो सके अपने शरीर को गर्म रखने की कोशिश करनी चाहिए। 
  2. अगर अधिक ठंड लग रही है तो मुंह में थोड़ी केसर डाल लेनी चाहिए इसके सेवन से शशरीर को गर्म रखने में मदद मिलती है।
  3. इस समस्या को दूर करने के लिए  शीलाजीत और  च्यवनप्राश का सेवन करना चाहिए, और पानी के साथ  दिव्यपेय, श्वाहारि का सेवन करना चाहिए इससेआराम मिलता है।
  4. अगर अधिक ठंड लग रही है तो काढ़ा बनाकर पीना चाहिए इसके लिए तुलसी, अदरक, कालीमिर्च , लौंग, हल्दी उबालकर थोड़ा सा केसर, शीलाजीत डालकर तुरंत सेवन करना चाहिए। इसका सेवन करने  से शरीर का तापमान सही हो जाता है।
  5. अधिक ठंड की समस्या को दूर करने के लिए  केसर, शिलाजीत, शहद और पानी का सेवन करना चाहिए, इसके लिए एक कढ़ाई में पानी उबाले। उसमें केसर, शिलाजीत डालकर उबाल कर उसमे स्वाद के अनुसार शहद मिला कर सेवन करना चाहिए, इसका सेवन दिन में तीन-चार बार करना चाहिए। इससे बॉडी टेम्परेचर नॉर्मल हो जाता है। 
  6. श्वसारि का काढ़ा बनाकर पीने से  बॉडी का तापमान नॉर्मल करने में मदद करता है। इसके लिए 5 गिलास पानी में 20 ग्राम श्वसारि उबाल लेना  चाहिए  फिर सर्दी, जुकाम, खांसी, ठंड की हालत में इस  काढ़े का सेवन करना चाहिए इसके सेवन से अधिक ठंड कि समस्या दूर हो जाती है। 
  7. अगर व्यक्ति को अधिक ठंड लग रही है तो उसे गर्म स्थान पर रहना चाहिए और गर्म कपड़े पहनने चाहिए।  गर्म पानी का सेवन करते रहना चाहिए। 
  8.  अधिक ठंड से बचने के लिए व्यक्ति को गर्म कम्बल से ढककर, उसके पैर या हाथ गर्म पानी में रखना चाहिए। 
  9. अगर अधिक ठंड लग रही है या इस शीतदंश की समस्या में अपने शरीर को  हाथों से या तौलिए से न मलें, सूखी गर्मी का प्रयोग अलाव, हीटर आदि) भी नहीं करना चाहिए  क्योंकि सुन्न त्वचा आसानी से जल सकती है। 
  10. अगर शीतदंश आपके पैर या पैर की उंगलियों पर है, तो इस स्थिति में नहीं चलना चाहिए, ऐसा करने से यह समस्या बढ़ सकती है, इसलिए पहले अपने शरीर का तापमान नॉर्मल होने दें उसके बाद ही चलें क्योंकि इससे चोट का खतरा हो सकता है। 

तो हम कह सकते है कि शीतदंश की समस्या से बचने के लिए हमें इन उपायों को अपनाना चाहिए, अगर ठंड के मौसम में अधिक ठंड लग रही है तो तो हमें बाहर नहीं निकलना चाहिए, हमें अपने शरीर को गर्म रखना चाहिए, कई बार हमें इस समस्या का पता नहीं चलता जिसके कारण हमें चोट भी लग सकती है। हमें हीटर का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे जलने का खतरा रहता  है। 

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