चिकनगुनिया मछरों के काटने के कारण होता है, ये एक वायरल बीमारी है। जो व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ जाता है तो उसकी हालत खराब हो जाती है, ये वायरस हड्डियों पर बहुत असर डालता है जिसके कारण व्यक्ति के हाथ-पैर को कमजोर कर देता है, जिसके कारण वो साधारण सा काम करने में भी बहुत मुश्किल होती है। इस बीमारी का समय पर इलाज कर लेना चाहिए, इस बीमारी को ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार है –
- हल्दी का सेवन – हल्दी में ऐंटीऑक्सिडेंट और ऐंटीइन्फ्लैमटरी तत्व होते हैं, जो दर्द को कम करने और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। हल्दी के सेवन से चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति को जल्दी ठीक करने में भी मदद करता है। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से बहुत आराम मिलता है।
- एप्सोम साल्ट के इस्तेमाल से – एप्सोम साल्ट का इस्तेमाल करने से चिकनगुनिया की बीमारी से होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। इसमें मौजूद मैग्निशियम सल्फेट क्रिस्टल दर्द को कम करने के साथ-साथ सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- अदरक के सेवन से – इसके लिए अदरक के छोटे टुकड़े को दांतों के बीच दबाएं और धीरे-धीरे इसका रस चूसते रहने से इस बीमारी से होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है। अदरक में मौजूद गुणकारी तत्व दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
- नारियल पानी का सेवन – नारियल पानी न सिर्फ शरीर को हाइड्रेट बनाए रखने में मदद करता है बल्कि लिवर व किडनी को बैक्टीरिया से होने वाले नुकसान को भी कम करने में मदद करता है। यह शरीर से टॉक्सिन को रिमूव करने में भी मदद करता है।
- तुलसी का सेवन – तुलसी के सेवन से चिकनगुनिया के बुखार को ठीक किया जा सकता है इसके सेवन से शरीर शरीर के दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए तुलसी की चाय, गर्म पानी में तुलसी या फिर सीधे तुलसी का पत्ता खाने पर बुखार कम होता है। यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है जिससे मरीज जल्दी ठीक हो जाता है। इसमें एंटी-बैक्ट्रीयल, एंटी-फंगल और एंटी-एक्सीटेंड गुण होते हैं,जोकि बुखार को ठीक करने में मदद करते है।
- सूरजमुखी के बीज और शहद – इसके लिए सूरजमुखी के बीच का पाउडर और शहद को मिलाकर खाने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती हैंऔर साथ ही में यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और सूजन को दूर करने में मदद करते है।
- पपीता के पत्ते का सेवन – इसके लिए चिकनगुनिया होने पर पपीते के पत्ते के रस को पानी में मिला कर पीना चाहिए, जिसके कारण वाइरल इन्फेक्शन को कम किया जा सकता है। इसका सेवन हर दो-तीन घंटे के अंतराल पर करना चाहिए।
- लहसुन का पेस्ट – इसके लिए लहसुन के पेस्ट को दर्द वाली जगह लगाने से दर्द कम होता है और कई बार चिकनगुनिया के कारण शरीर पर चकत्ते हो जाते हैं, उन्हें दूर करने के लिए उन पर लहसुन का पेस्ट लगाना चाहिए और बाद में उसे ठंडे पानी से धो लें। यह ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने में मदद करता है।
- अंगूर और गाय का दूध – इसके लिए अंगूर को गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन करने से चिकुनगुनिया के वायरस को दूर किया जा सकता है, इसका सेवन करने से पहले ये ध्यान रखें कि अंगूर बीजरहित हों।
- तुलसी और अजवायन – तुलसी और अजवायन के सेवन से भी चिकुनगुनिया के बुखार को ठीक किया जासकता है, इसके लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां को उबालकर बिना छाने ही इसका सेवन करना चाहिए, इसके सेवन से दर्द और बुखार ठीक होता है।
- लौंग और लहसुन – इसके लिए दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांधने से भी चिकुनगुनिया को ठीक किया जा सकता है, ऐसा करने से जोड़ों के दर्द को दूर किया जा सकता है और बुखार भी ठीक हो जाता है।
- गाजर देगी दर्द से राहत – इसके लिए कच्ची गाजर के सेवन से चिकुनगुनिया के बुखार को ठीक किया जा सकता है, यह रोगी की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और साथ ही जोड़ों के दर्द को भी दूर करने में मदद करती है।
तो हम कह सकते है कि इन घरेलू उपायों की मदद से हम चिकुनगुनिया की बीमारी से बच सकते है। इसके इलावा हमे इस बीमारी अपने खान-पान और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए, हमें नियमित रूप से संतुलित आहार और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए, जिससे हमारे शरीर को एनर्जी मिलती रहें, हमेशा ताज़ी हरी सब्जियों और ताज़े फलों का सेवन करना चाहिए।