चाणक्य
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

चाणक्य

हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है। ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो। यह कड़वा सच है।

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चाणक्य
मूर्खों से अपनी तारीफ सुनने से अच्छा है कि आप किसी बुद्धिमान की डांट सुनें

चाणक्य

मूर्खों से अपनी तारीफ सुनने से अच्छा है। कि आप किसी बुद्धिमान की डांट सुनें।

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सूरदास
अगर हम भगवान से प्यार कर रहे हैं, तो हम दुनिया की अच्छाई से प्यार कर सकते हैं

सूरदास

अगर हम भगवान से प्यार कर रहे हैं, तो हम दुनिया की अच्छाई से प्यार कर सकते हैं।

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गुरु नानक देव जी
दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भृम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

गुरु नानक देव जी

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भृम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

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