गुरु नानक देव जी
“प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ.”

गुरु नानक देव जी

“प्रभु के लिए खुशियों के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बन जाओ”

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सूरदास
“चरन कमल बंदौ हरि राई, जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई। बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई, सूरदास स्वामी करुनामय बार बार बंदौं तेहि पाई।“

सूरदास

“चरन कमल बंदौ हरि राई, जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै आंधर कों सब कछु दरसाई। बहिरो सुनै मूक पुनि बोलै रंक चले सिर छत्र धराई, सूरदास स्वामी करुनामय बार बार…

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सूरदास
“ गुरू बिनु ऐसी कौन करै। माला-तिलक मनोहर बाना, लै सिर छत्र धरै। भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरै। सूर स्याम गुरू ऐसौ समरथ, छिन मैं ले उधरे।

सूरदास

“गुरू बिनु ऐसी कौन करै। माला-तिलक मनोहर बाना, लै सिर छत्र धरै। भवसागर तै बूडत राखै, दीपक हाथ धरै। सूर स्याम गुरू ऐसौ समरथ, छिन मैं ले उधरे।"

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तुलसीदास
मनुष्य को दया कभी नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि दया ही धर्म का मूल है और इसके विपरीत अहंकार समस्त पापों की जड़ होता है

तुलसीदास

"मनुष्य को दया कभी नहीं छोड़नी चाहिए क्योंकि दया ही धर्म का मूल है और इसके विपरीत अहंकार समस्त पापों की जड़ होता है।"

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तुलसीदास
मीठे वचन सब और सुख फैलाते हैं, किसी को भी वश में करने का ये एक मंत्र होते हैं इसलिए मानव ने कठोर वचन छोड़कर मीठे बोलने का प्रयास करे

तुलसीदास

मीठे वचन सब और सुख फैलाते हैं, किसी को भी वश में करने का ये एक मंत्र होते हैं इसलिए मानव ने कठोर वचन छोड़कर मीठे बोलने का प्रयास करे

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