संत रविदास
कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।
कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा।।
जाति- जाति में जाति हैं, जो केतन के पात।रैदा समनुषना जुड़ सके जबतक जातिनजात। । गुरुरविदास जयंती की हार्दिक बधाइयाँ। हैप्पी गुरु रविदास जयंती।
रविदास जी कहते है की सिर्फ जन्म लेने से कोई नीच नही बन जाता है लेकिन इन्सान के कर्म ही उसे नीच बनाते है|
रविदास जी कहते है की यदि आपका मन और हृदय पवित्र है साक्षात् ईश्वर आपके हृदय में निवास करते है|
रविदास जी कहते है की जिस प्रकार केले के तने को छिला जाये तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में कुछ नही निकलता है…
रविदास जी कहते है की हीरे से बहुमूल्य हरी यानि ईश्वर को छोड़कर अन्य चीजो की आशा करते है उन्हें अवश्य ही नर्क जाना पड़ता है अर्थात प्रभु की भक्ति…