महाकवि कालिदास
पेड़ अपने सर पर गर्मी सह लेता है, लेकिन अपनी छाया द्वारा औरो को गर्मी से बचाता है.
पेड़ अपने सर पर गर्मी सह लेता है, लेकिन अपनी छाया द्वारा औरो को गर्मी से बचाता है.
वास्तव में धैर्यवान पुरुष तो वे है जिनका चित्त विकार उत्पन्न करने वाली परिस्थिति में भी विचलित नहीं होता|
सज्जनों की रीती ही यह है कि यदि कोई उनसे मांगे, तो वह मुंह से कुछ न कहकर , काम पूरा करके ही उत्तर देते है|
कालिदास: अवगुण नव के पेंदे के छेद के समान है, जो छोटा हो या बड़ा, एक दिन नव को जरुर डूबा देता है|