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हर्पीज़ या शिंगलास बीमारी के घरेलू उपचार

आजकल प्रदूषित वातावरण और अनियमित जीवनशेली होने के कारण कई प्रकार कि स्किन इन्फेक्शन की प्रॉब्लम होने लगी है, हर्पीज़ भी स्किन इन्फेक्शन से संबंधित एक बीमारी है। कई बार शरीर पर छोटे-छोटे पानी से भरे दाने निकल जाते  हैं,जिन्हे हम  नजरअंदाज कर देते है,अगर हम इसका इलाज नहीं करते तो ये  यह हर्पीस का कारण बन सकते हैं। 

ये एक प्रकार का वायरस है, इसमें  मुंह के आसपास ठन्डे छाले होते हैं, जोकि पानी से भरे होते है, कई बार इसमें खुजली होती हैऔर दर्द भी। अगर हम इन्हे हाथ लगते रहे या बार-बार छूते रहें तो ये और अधिक बढ़ जाते हैं, इन छालों के टूटने से इसका पानी यहां लगता है वहां और छालें पड़ने लगते है। इस बीमारी को कुछ घरेलू उपायों की मदद से ठीक किया जा सकता है वे इस प्रकार है –

  1. जैतून का तेल – इस तेल के इस्तेमाल से हर्पीज़ या शिंगलास के सक्रमण को रोका जा सकता है इस तेल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते है जो सक्रंमण को फैलने से रोकते है। 
  2.  आइस पैक – इसके लिए आइस पैक को अपने  प्रभावित हिस्से में लगाने से राहत मिलती है और इससे केवल दर्द कम नहीं होता है बल्कि इससे ठीक होने कि प्रक्रिआ शुरू हो जाती है। 
  3. सेब का सिरका – सेब के सिरके में  एंटीबैक्टीरियल तत्व होते है जो हर्पीज़ के सक्रंमण को फैलने से रोकते है और इसके लिए सेब के सिरके में थोड़ा सा पानी मिलाकर अपने प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है और इलावा इसमें पानी मिलाकर पीया भी किया जा सकता है। 
  4. टी ट्री ऑइल – ये फंगल इन्फेक्शन का एक बहुत अच्छा उपाए है, इसके इस्तेमाल से हर्पीज़ के सक्रंमण से लड़ने में मदद मिलती है। 
  5. बेकिंग सोडा – इसके लिए बेकिंग सोडा को पानी में मिलाकर पेस्ट बना लें, फिर इसे प्रभावित जगह पर लगाएं इससे दर्द और खुजली कि समस्या से राहत मिलती है। 
  6. मुलेठी कि जड़ – इसके लिए मुलेठी कि जड़ को सूखा कर पाउडर बना लें फिर इसमें पानी मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है। 
  7. लेमन बाम – इसके इस्तेमाल के लिए हमें लेमन बाम को प्रभावित जगह पर लगाने से ये हर्पीज़ के सक्रंमण को  फैलने से रोकता है। 
  8. एलोवेरा जैल – अपने प्रभावित जगह पर एलोवेरा जेल लगाने से सक्रंमण फैलता नहीं है और इससे बीमारी ठीक होनी शुरू हो जाती है। 
  9. पेपरमिंट ऑइल – इसमें एंटीवायरल तत्व होते है जो हर्पीज़ को भरने में मदद करते है, इससे सक्रंमण नहीं फैलता और दर्द दूर होता है। 
  10. मनुका हनी (शहद) – इसके लिए इसका सेवन करना चाहिए और प्रभावित जगह पर इसे लगाने से घाव जल्दी ठीक होते है।  
  11. बकरी के दूध – बकरी के दूध के सेवन  से हर्पीस के रोग  से छुटकारा मिल सकता है। इसके इलावा इसके दूध को प्रभावित जगह पर लगाने से आराम मिलता है। 
  12. अजवाइन के तेल – अजवाइन के तेल को प्रभावित जगह पर लगाने हर्पीज़ के सक्रंमण को फैलने से रोका जा सकता है। 
  13. गर्म सिकाई – इसके लिए एक टॉवल को गर्म तवे पर गर्म करके अपने प्रभावित जगह कि सिकाई करने से आराम मिलता है। 
  14. ब्लैक टी – ब्लैक टी के सेवन से भी इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है, इसके लिए ब्लैक टी बनाते  समय उसमें नींबू, पुदीना, दालचीनी, अदरक और कैमोमाइल जैसी चीजें शामिल करना चाहिए। 

तो हम कह सकते हैं कि हर्पीज़ या शिंगलास एक सक्रंमण रोग है जो कि फैलता है, इस रोग में मुंह ,होंठों के आस पास पानी भरे घाव से हो जाते है।  जितना हम इन्हे हाथ लगाएंगे ये और बढ़ते जाते है तो इसके सक्रंमण को रोकने के लिए हमें इन घरेलू उपायों का प्रयोग करना चाहिए अगर आपको ये रोग है तो आपको बहुत ही अतिहत रखने कि जरूरत होती है अपनी चीजें किसी और के साथ शेयर नहीं करनी चाहिए। नियमित रूप से पौष्टिक आहार लेना चाहिए,अधिक पानी पीना चाहिए और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए। 

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