शिशु को माँ का दूध पिलाना बहुत आवश्यक है पर कई बार गलत सोच के कारण कि दूध पिलाने से उनके शरीर का अकार बिगड़ जायेगा वे शिशु को स्तनपान कराने से डरती है, लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि स्तनपान से बच्चों को ही नहीं, मां को भी कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक फ़ायदे होते हैं। जोकि इस प्रकार है –
- कैलोरी बर्न करने में मदद करता है- शिशु को स्तनपान करवाने पर माँ का जो बड़ा हुआ वज़न होता है वह धीरे-धीरे कंट्रोल में आने लगता है क्योंकि इससे बहुत ज्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। स्तनपान करवाने से माँ बहुत जल्दी शेप में आने में मदद मिलती हैं। स्तनपान कराने वे अपने वजन को कंट्रोल कर सकती हैं।
- गर्भाशय का संकुचन करने में मदद करता है – प्रसव के बाद माँ को इंटरनल ब्लीडिंग आदि की समस्या आदि होती है लेकिन शिशु को स्तनपान करवाने से इस समस्या को दूर किया जा सकता है, स्तनपान कराने से गर्भाशय का संकुचन होने के साथ-साथ इंटरनल ब्लीडिंग की समस्या भी कम होती है।
- प्राकृतिक गर्भनिरोधक – स्तनपान कराने से महिलाओं को प्रेगनेंसी होने की कम सम्भावना होती है। ये उनके पीरियड्स के बीच के अंतर को बढ़ा देता है, जिससे बच्चों के बीच अंतर बना रहता है।
- घाव को जल्दी से भरने में मदद करता है – बच्चे के जन्म देने की प्रक्रिया के दौरान मां के शरीर को बहुत दर्द और घाव से गुजरना पड़ता है। स्तनपान कराने से ये घाव जल्दी से भरने लगते है और इससे मां को जल्दी से ठीक करने में मदद करते हैं।
- स्तन कैंसर के खतरे को कम करते हैं – स्तनपान से लिम्फ नोड्स (Lymph nodes) स्तन के अन्य घटकों के साथ सक्रिय हो जाते हैं। ये स्तनपान के खतरे को कम कर देते हैं। जो मां अपने बच्चे को स्तनपान नहीं कराती हैं उन्हें स्तनपान कराने वाली मां के मुकाबले ब्रैस्ट कैंसर होने का ज्यादा खतरा बना होता है। स्तनपान कराने से माँ को ब्रैस्ट और ओवेरियन कैंसर के खतरे से बचा जा सकता है।
- मां और बच्चे के बीच भावनात्मक रिश्ता मजबूत होता है – स्तनपान कराने से मां और बच्चे के बीच का रिश्ता मजबूत होता है। माँ के दूध से शिशु में रोग-प्रतिरोधी शक्ति बढ़ती है और ये इन्फेक्शन से बचने में मदद करता है।
- हार्मोन को संतुलित बनाए रखता है – स्तनपान कराने का एक महत्वपूर्ण फायदा ये है कि इससे हार्मोन का संतुलन बनाय रखने में मदद करता है। स्तनपान कराने से कील-महुांसों की समस्या भी कम होती है। इसलिए हार्मोन के संतुलित रहने के कारण मां अपनी दिनचर्या के कामों को और अधिक ऊर्जा के साथ करने में सक्षम होती हैं।
- माँ के लिए शिशु को आहार देने की सहुलियत – स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को शिशु को आहार देने में सहूलियत होती है , स्तनपान कराने से माँ को अपने शिशु को भूख लगने पर कहीं भी आहार देने में मदद मिलती है।
तो हम कह सकते है कि एक माँ को अपने शिशु को स्तनपान कराने से बहुत लाभ मिलता है, शिशु को दूध पिलाने से उनका बजन कंट्रोल में रहता है और उन्हें अपने शिशु को आहार देने में ज्यादा दिक्क्त का सामना नहीं करना पड़ता जैसे कि दूध की बोत्तल को अच्छे से धोकर या फिर उसे अच्छे से सांइटिज़ेर करने के झंझट का सामना नहीं करना पड़ता। माँ दुवारा अपना दूध अपने शिशु को पिलाने से उनमे भावनात्मिक्ता का रिश्ता मजबूत होता है। और इसके अलावा माँ का दूध हर शिशु का अधिकार है, इससे उसे वंचित नहीं करना चाहिए।