जब भक्ति हृदय से होती है, तो हमें आँखें नहीं चाहिए, बस एक प्रकार का हृदय पर्याप्त है। सूरदास Post category:सुविचार / सूरदास Post comments:0 Comments जब भक्ति हृदय से होती है, तो हमें आँखें नहीं चाहिए, बस एक प्रकार का हृदय पर्याप्त है। Looking for Sarkari Govt. Job Click here You Might Also Like मुंशी प्रेमचंद October 8, 2019 चाणक्य October 9, 2019 सूरदासजी October 9, 2019 Leave a Reply Cancel replyCommentEnter your name or username to comment Enter your email address to comment Enter your website URL (optional) Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.