मौसम में बदलाव के कारण कोल्ड और गले में खराश की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे हमे सांस लेने में और कुछ भी खाने का मन नहीं करता है तब हमारे दिमाग में एक बात आती है कि कोई ऐसी दवाई मिल जाये जिससे जल्दी आराम मिल जाये और हम एलोपैथी की दवाई ले लेते है पर इसके इस्तेमाल से जल्दी मिल जाता है पर इसके साइड इफ़ेक्ट भी होते है जो हमारी हेल्थ को नुक्सान पहुंचाते है।
इसलिए आज हम गले में खराश होने की समस्या को दूर करने के लिए मुलेठी के इस्तेमाल करने के तरीके के बारे में बताएँगे –
मुलेठी क्या होती है ?
मुलेठी, जिसे “Sweetwood” के रूप में भी जाना जाता है, एक पारंपरिक जड़ी बूटी है जिसमे अच्छी सुगंद होती है और इसका उपयोग चाय में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके सेवन से सांस संबंधी समस्या को दूर करने में और पाचन समस्या को ठीक किया जा सकता है।
मुलेठी में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो पाचन तंत्र के Mucosal स्वास्थ्य को बनाए रखता है, कब्ज से राहत देता है, गैस्ट्रिक और Peptic अल्सर को रोकता है। इसके अलावा, यह इम्युनिटी को बढ़ावा देने, बीमारियों और संक्रमणों को दूर रखने के लिए जाना जाता है। इसे उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए फायदेमंद कहा जाता है क्योंकि जड़ी बूटी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करते हैं और धमनियों में प्लाक के निर्माण से बचते हैं। इसलिए हृदय रोग के जोखिम को कम करता है
मुलेठी का उपयोग सर्दी और गले में खराश के इलाज के लिए कैसे करें?
शरीर में कई बीमारियों के इलाज में मदद करने के अलावा, मुलेठी खांसी और सर्दी को ठीक करने में मदद करती है। यह वास्तव में गले में खराश और अन्य सांस संबंधी समस्या के लिए एक Quick Fix है।
मुलेठी का उपयोग फ्लू जैसे लक्षणों, विशेष रूप से खांसी और गले में खराश से उबरने के लिए कर सकते हैं।
काड़ा कैसे बनाय ?
1. इसके लिए मुलेठी की कुछ स्टिक्स को पानी में उबाल ले और थोड़ा ठंडा होने पर इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पिएं , इसका सेवन करने से गले की खराश से राहत मिलती है।
2. इसे बनाने का दूसरा तरीका यह है कि गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद में थोडा मुलेठी पाउडर मिला लें। यह सूखी खांसी को ठीक करने में मदद कर सकता है।
3. आप मुलेठी की जड़ का एक टुकड़ा भी ले सकते हैं, इसमें तुलसी और पुदीना की कुछ पत्तियां या गार्डन मिंट मिला सकते हैं और इसे 10 मिनट के लिए धीमी आंच पर ही रहने दें। पत्तियों और जड़ों को छान लें और गर्म या गर्म पिएं। इसके सेवन से गले की खराश की समस्या से राहत मिलती है।
4. इसे सिंपल चबाने से – मुलेठी की स्टिक्स को सिंपल चबाने से भी गले की खराश से राहत मिलती है और इसके सेवन से आवाज भी मदुर और सुरीली होती है।
तो हम कह सकते है मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसके इस्तेमाल से गले की खराश को आसानी से ठीक किया जा सकता है और इसके सेवन से पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। मुलेठी का इस्तेमाल हम अपने घर में मसाले के रूप में करते है और ये आसानी से हमारी किचन में मिल भी जाता है। इसका काढ़ा बनाकर पीने से कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता ये हमारे स्वास्थ के लिए बहुत ही गुणकारी होता है।