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मिर्गी के लिए प्राकृतिक उपचार

मिर्गी एक तरह का बीमारी है। मिर्गी को अंग्रेजी में Epilepsy कहा जाता है| दौरे के समय व्यक्ति का दिमागी संतुलन पूरी तरह से गड़बड़ा जाता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है।

इसका प्रभाव शरीर के किसी एक हिस्से पर देखने को मिल सकता है, जैसे चेहरे, हाथ या पैर पर। इन दौरों में तरह-तरह के लक्षण होते हैं, जैसे कि बेहोशी आना, गिर पड़ना, हाथ-पांव में झटके आना। मिर्गी किसी एक बीमारी का नाम नहीं है।

मिर्गी के दौरों से छुटकारा पाने के लिये डॉक्टर से उपचार करना पड़ता है। परंतु इसके बावजूद कुछ घरेलू उपचार भी मिर्गी को ठीक करने में मदद करता है।

अब हम आपको मिर्गी के घरेलू उपचार के बारे में बताते हैं :-

अंगूर का रस: जिन्हें मिर्गी के दौरे अक्सर आते रहते है उन्हें अंगूर का सेवन करना चाहिए और यह बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना नाश्ते के समय एक पाँव अंगूर का सेवन आपके जीवन से मिर्गी का रोग पूरी तरह से भगा देगा और आपके शरीर को स्वस्थ करेगा।

बकरी का दूध: मिर्गी के दौरे में बकरी का दूध बहुत फायदेमंद होता है। लगभग 50 ग्राम मेहेदी
के पत्ते ले और इसका पेस्ट बना लें और इसका सेवन करें जिससे आपको मिर्गी के दौरे में आराम मिलेगा। अगर आप ऐसा हफ्ते में तीन बार करते है तो आपको निश्चित रूप से आराम मिलेगा।


तुलसी: तुसली मिर्गी के रोगों में रामबाण जैसा इलाज है और इसके पत्तों के इस्तेमाल से मिर्गी की समस्या बहुत जल्दी ठीक हो जाती है। रोजाना कम से कम दस तुलसी के पत्तों को अच्छे से धोएं और इन्हें चबा चबाकर खाएं जिससे आपको मिर्गी के दौरे आने बंद हो जायेगे।

मिटटी: मिर्गी में मिटटी बहुत फायदेमंद होती है क्योंकि इसका स्वाभाव ठंडा होता है। पूरे शरीर में मिटटी का लेप लगाले और लगभग आधे घंटे तक इसे लगायें रहे और फिर साफ़ पानी से शरीर को धो ले या स्नान करे। ऐसा रोजाना करे जिससे आपको मिर्गी में बहुत जल्द आराम मिलेगा।

प्याज का रस: पुराने समय में मिर्गी की समस्या होने पर सबसे अधिक इस्तेमाल किये जाने वाले नुस्खे में यह है। जिस इंसान को लगातार मिर्गी के दौरे पड़ते हैं और उसे रोजाना दो चम्मच प्याज का रस दे और इसके बाद दो चम्मच जीरे को पीसकर उसका पाउडर दे। इन दोनों चीज़ों के लगातार सेवन से आपको मिर्गी की समस्या में आराम मिलता है।

होश में लाने के लिए: अगर मरीज का दौरा पड़ जाता है तो उसे होश में लाने के लिए आप उसके नाक में सरीफे का रस डाले जिससे मरीज को होश आ जाएगा। होश आने के बाद आप उसे एक रत्ती भर हींग चटायें जिससे रोगी को आराम मिलेगा और उसे अच्छा भी लगेगा।

ध्यान रहे मिर्गी वाले इंसान को कभी भी किसी तरह का नशा नहीं करना चाहिए।

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