तपेदिक या टी बी की बीमारी एक सक्रंमण बीमारी है, ये बीमारी ट्यूबरक्युलोसिस बैक्टीरिया के कारण होती है। सामान्य रूप से इस बीमारी का असर फेफड़ों होता है फिर धीरे-धीरे ये शरीर के बाकि अंगों पर भी अपना प्रभाव डालने लगती है। इस बीमारी में रोगी को खांसी की समस्या होती है,जब रोगी व्यक्ति खांसता है तो उसके कुछ पार्टिकल हवा में रह जाते है जो व्यक्ति उसके सम्पर्क में आता है तो उसके शरीर में ये कण प्रवेश कर जाते है जो धीरे धीरे उसे भी रोगी बना देते है। इस बीमारी का समय पर जांच करा लेनी चाहिए ,इस बीमारी को दूर करने के कुछ घरेलू उपाय इस प्रकार है –
- ग्रीन टी – ग्रीन टी में पॉलीफेनोल, तपेदिक के बैक्टीरिया को दूर करने में सहायक होते है इसलिए ग्रीन टी का सेवन करने से इस बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
- दूध का सेवन – दूध में कैल्शियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो टीबी के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
- लहसुन का सेवन – इसमें सल्फ्यूरिक एसिड के तत्व पाए जाते है जो तपेदिक के बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते है, इसके सेवन से तपेदिक की बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
- पुदीना का सेवन – पुदीने में एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते है जो तपेदिक की बीमारी को ठीक करने में मदद करते है इसलिए हमें पुदीने की पत्तियों का सेवन करना चाहिए।
- आंवला का सेवन – आंवला में एंटीबैक्टीरियल गुण और रोग- प्रतिरोधक गुण होते हैं। जो इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करती है। इसलिए आंवला के सेवन से तपेदिक रोग को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीना चाहिए और आंवला पाउडर का भी इस्तेमाल कर सकते है।
- काली मिर्च का सेवन – काली मिर्च के सेवन से तपेदिक बीमारी को ठीक किया जा सकता है, इसके लिए अपनी चाय में या खाने में काली मिर्च का सेवन करना चाहिए, इससे खांसी की समस्या भी नहीं रहती।
- अनानास का सेवन – अनानास के सेवन से तपेदिक बीमारी को ठीक किया जा सकता है। अनानास के जूस के सेवन से बलगम कम होती है और इस बीमारी से राहत मिलती है।
- केलेका सेवन – रोज केले का सेवन करने से तपेदिक की समस्या को दूर किया जा सकता है केले के सेवन से शरीर को शक्ति मिलती है और तपेदिक के कारण फैलने वाले बेक्टेरिया से लड़ने की क्षमता मिलती है।इसके लिए कच्चे केले का या उसकी डठल का जूस बनाकर पीने से बहुत आराम मिलता है।
- संतरे का सेवन – संतरे में रोग -प्रतिरोधी तत्व पाए जाते है जो शरीर में बेक्टेरिया से लड़ने में मदद करते है, इसके लिए हमे संतरे का जूस में शहद मिलाकर पीना चाहिए इसका सेवन करने से तपेदिक की बीमारी को ठीक किया जा सकता है।
- सीताफल का सेवन – सीताफल सेवन से तपेदिक की बीमारी को ठीक किया जा सकता है सीताफल में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते है जो तपेदिक के बैक्टीरिया को फैलने से रोकते है, इसके सेवन से शरीर तंदुरुस्त हो जाता है।
- अखरोट के सेवन से – अखरोट के सेवन से तपेदिक के रोग को दूर किया जा सकता है, अखरोट में रोग-प्रतिरोधी शक्ति होती है जो बेक्टेरिया से लड़ने में मदद करते है और हमे तंदरुस्त रखते है। इसके आलावा अखरोट या लहसुन को देसी घी में भून कर खाने से तपेदिक की बीमारी ठीक हो जाती है।
- सहजन के सेवन से – सहजन की पत्तियों में सूजनरोधी और एंटी बैक्टीरियल तत्व होते है जो बैक्टीरिया को खत्म करने में मदद करते है, ये टीबी रोग को ठीक करता है, सहजन की फली और पत्तियों में केरोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है।
- लौकी का सेवन – इसके लिए ताज़ा लौकी के जूस में सेंधा नमक मिलाकर पीने से तपेदिक की बीमारी से राहत मिलती है।
- मुलेठी का सेवन – इसके लिए मुलेठी को अपने मुंह में रखकर चूसने से बहुत आराम मिलता है और टीबी की बीमारी दूर होती है।
तो हम कह सकते है की इन घरेलू उपायों की मदद से टीबी या तपेदिक की बीमारी को ठीक किया जा सकता है, टीबी एक सक्रंमक बीमारी है इसलिए इसमें साफ-सफाई और संतुलित खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए, हमेश ताज़े फलों और ताज़ी हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए, हर रोज पुदीने के पत्ते,तुलसी के पत्ते और आंवला का सेवन जरूर करना चाहिए इससे हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधी क्षमता बढ़ती है।