दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भृम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।

दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भृम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।
दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भृम में नहीं रहना चाहिए। बिना गुरु के कोई भी दूसरे किनारे तक नहीं जा सकता है।